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किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र दे रही MP सरकार

किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र दे रही MP सरकार

पाईप लाइन सेट, स्प्रिंकलर सेट एवं डीजल/विद्युत पम्पसेट देने का प्रावधन

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र दे रही है। किसानों को सिंचाई एवं खेती में सरलता लाने के उद्देश्य से शिवराज सरकार ने योजना बनाई है। 

इसमें किसानों को सब्सिडी पर पाईप लाइन सेट, स्प्रिंकलर सेट एवं डीजल/विद्युत पम्पसेट देने का प्रावधन रखा गया है। साथ विभिन्न जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए अनुदान पर सिंचाई यंत्र भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 

मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission (NFSM)) योजना के अंतर्गत किसानों के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया है।

इच्छुक किसान आवश्यकता अनुसार सिंचाई यंत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद चयनित किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

सिंचाई के लिए सब्सिडी पर मिलेंगे यह यंत्र :

- स्प्रिंकलर - डीजल/विद्युत पम्पसेट - पाइप लाइन सेट - रेनगन सिस्टम 

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* योजनाएं जिनके अंतर्गत किसान कर सकते हैं आवेदन

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (गेहूं) योजना के अंतर्गत छतरपुर, पन्ना, कटनी, सागर, शिवनी, सीधी, सतना, टीकमगढ़, रीवा, राजगढ़, रायसेन, अशोकनगर, गुना, विदिशा, शिवपुरी, खंडवा व निवाड़ी जिलों के किसानों को स्प्रिंकलर सेट, डीजल/विद्युत पम्पसेट, पाइप लाइन सेट, रेनगन सिस्टम देने का प्रावधान रखा गया है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) के तहत राज्य के सभी जिलों के किसानों को पाइप लाइन सेट, डीजल/विद्युत पम्पसेट व स्प्रिंकलर सेट दिए जाएंगे। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (टरफा) योजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा, सिवनी, कटनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, दमोह, रायसेन, होंशगाबाद, शहडोल, उमरिया, पन्ना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, बेतुल, अनूपपुर जिलों के किसानों को स्प्रिंकलर सेट, पाइप लाइन सेट के उपकरण दिए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (बुंदेलखंड विशेष पैकेज) योजना में राज्य के सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर जिलों के किसानों को स्प्रिंकलर सेट, डीजल-विधुत सेट, पाइप लाइन सेट दिए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (धान) के अंतर्गत राज्य के सीधी, अनूपपुर, रीवा, दमोह, रीवा, डिंडोरी, मंडला, कटनी जिलों के किसानों को डीजल/विधुत पम्पसेट देने का प्रावधान किया गया है।
  • कृषि यंत्रों पर कितना अनुदान मिलेगा।
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मध्यप्रदेश सरकार अपने राज्य के विभिन्न वर्ग के किसानों को तरह-तरह की योजनाओं के अंतर्गत सब्सिडी देकर उपकरण उपलब्ध कराएगी। योजना के अंतर्गत किसानों को 50 से 55 फीसदी तक अनुदान देने का प्रावधान है।

अब नहीं मिलेगा 10 लाख लोगों को राशन, 10 लाख लोगों के राशन कार्ड को रद्द करने में लगी सरकार

अब नहीं मिलेगा 10 लाख लोगों को राशन, 10 लाख लोगों के राशन कार्ड को रद्द करने में लगी सरकार

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में भारी गड़बड़ी होने के बाद अब सरकार पूरी तरह से सचेत हो गई है। अपात्र किसान जिस तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त का लाभ ले रहे थे, उस पर नकेल कसने के बाद सरकार ने एक कड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अब वैसे लोगों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने राशन कार्ड में गलत जानकारी दी है और मुफ्त में सरकार के तरफ से दी जा रही राशन को पा रहे हैं। सरकार के द्वारा अपात्र राशन कार्ड धारकों की सूची राशन डीलरों को भेजने का निर्देश दिया गया है। राशन कार्ड धारकों को अब मुफ्त गेहूं, चना और चावल नहीं मिलेगा, क्योंकि सरकार उन लोगों को भोजन वितरित करना बंद कर देगी, जिन्होंने अपने राशन कार्ड में गलत जानकारी जोड़ दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तो फिलहाल सरकार ने करीब 10 लाख ऐसे राशन कार्डो को रद्द करने की योजना बनाई है, जिसकी पहचान विभाग के द्वारा पूरे देश भर में की गई है, इस पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पूरे भारतवर्ष में जो लोग राशन कार्ड धारक हैं उनकी संख्या लगभग 80 करोड़ है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग ऐसे है जो इस योजना के लिए पात्र नही हैं। यानी उनके राशन कार्ड में कहीं ना कहीं गलत जानकारी दी गई हुई है। राशन डीलरों को यह सख्त निर्देश दिया गया है, कि अपात्रराशन कार्ड धारकों की सूची बनाकर के जल्द से जल्द रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजें, उसके बाद विभाग सूचना की समीक्षा करने के बाद ऐसे लाभार्थियों के राशन कार्ड रद्द कर देगा।

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इन लोगों के होंगे राशन कार्ड रद्द

एनएफएसए - राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA - National Food Security Act) के अनुसार जो व्यक्ति आयकर का भुगतान करता है, वैसे व्यक्ति को अब राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा जिनके पास 10 बीघा से ज्यादा जमीन है, उन्हें भी अब राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा। वैसे व्यक्ति जो अभी तक राशन कार्ड में गलत शब्द जानकारी देकर के मुफ्त में सरकार से राशन प्राप्त कर रहे थे, उन्हें आप सचेत हो जाने की जरूरत है, क्योंकि सरकार ने कड़ा निर्देश जारी किया है। फिलहाल यह संख्या 10 लाख है, लेकिन आने वाले समय में इसका बढ़ना तय माना जा रहा है। सरकार ने कुछ ऐसे लोगों की भी पहचान की है जो मुफ्त में राशन बेचकर अवैध कारोबार चला रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा राशन कार्ड का दुरुपयोग उत्तर प्रदेश में होता है। सितंबर व अक्टूबर में विभाग के अंतर्गत एनएफएसए के गोदामों से राशन की दुकानों तक चावल पहुंचाने में देरी के कारण कई कार्ड धारकों को चावल का पूरा आवंटन नहीं मिला। नतीजतन, कार्डधारकों को वह चावल प्राप्त हुआ जो दुकानों पर स्टॉक में था। कार्डधारकों को शेष भाग अक्टूबर में प्राप्त होने की उम्मीद थी, लेकिन राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने पहले वाले हिस्से को केवल उन व्यक्तियों को वितरित करने का विकल्प चुना, जिन्हें पहले कोई चावल नहीं मिला था।

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फूड म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार प‍िछले 9 साल में 4.74 करोड़ राशन कार्ड रद्द हुए हैं। साल 2016 में सबसे ज्‍यादा 84 लाख राशन कार्डों को रद्द क‍िया गया। कोव‍िड महामारी के दौरान 2020 और 2021 में 46 लाख राशन कार्ड रद्द क‍िए गए हैं और अब 10 लाख लोगों के कार्ड को रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ती जनसंख्या में खाद्य सुरक्षा के लिए आगाह किया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ती जनसंख्या में खाद्य सुरक्षा के लिए आगाह किया

जनपद के सौंसर विकासखंड में विकास यात्रा के चलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कृषि विभाग के माध्यम से आयोजित श्रीअन्न (Millets) और प्राकृतिक खेती के उत्पादों जिनमें मिलेट्स से बने कुकीज़, बिस्कुट व्यंजन के स्टॉल का नजारा लिया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग लाभान्वित हितग्राही को मंच से हितलाभ मुख्यमंत्री जी के माध्यम से वितरित किये गये। इस उपलक्ष्य पर कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री जी को मिलेट्स से निर्मित उत्पादों के स्टाल पर सूचना व जानकारी उप परियोजना संचालक आत्मा श्रीमती प्राची कौतू ने प्रदान की। विभाग के सहायक संचालक श्री धीरज ठाकुर, श्री दीपक चौरसिया, श्री चौकीकर, श्रीमती सरिता सिंह, श्री सचिन जैन, श्री नीलकंठ पटवारी समेत बाकी अधिकारी मौजूद थे।

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अंतर्राष्ट्रीय फलक पर मध्यप्रदेश एवं इंदौर धूमकेतु की भाँति चमक रहा है। हाल ही में इंदौर में जी-20, कृषि कार्य समूह की प्रथम बैठक 13 से 15 फरवरी को समापन हुई। बैठक की शुरुआत सोमवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसके चलते कृषि पर ध्यान से विचार-विमर्श किया। आखरी दिन चार तकनीकी विषयों ‘खाद्य सुरक्षा एवं पोषण’ ‘जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण सहित सतत कृषि ’, ‘समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला एवं खाद्य प्रणाली’, एवं ‘कृषि परिवर्तन हेतु डिजिटलीकरण’ पर चर्चा हुई।

जनसँख्या में वृद्धि की वजह से खाद्य सुरक्षा व्यवस्थित होनी अति आवश्यक है

स्वयं के उद्घाटन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनसँख्या वृद्धि की वजह खाद्य सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया का केवल 12 फीसद भू-भाग कृषि के लायक है। साल 2030 तक खाद्यान्न की मांग 345 बिलियन टन तक पहुँच जाएगी। वहीं साल 2000 में यह मांग 192 बिलियन टन पर थी। जाहिर है, कि ना तो खेती की भूमि में बढ़ने वाली है एवं ना ही हमारे प्राकृतिक संसाधनों में वृद्धि होनी है। ऐसी स्थिति में कृषि लायक जमीन का समुचित इस्तेमाल एवं कृषि भूमि की पैदावार को बढ़ाने हेतु कोशिश करनी होगी। कृषि उत्पादन बढ़ाना है, तो डिजिटलाइजेशन, नवीन तकनीक मैकेनाइजेशन एवं नव बीज के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा देना होगा। पैदावार में वृद्धि सहित उत्पादन का खर्च कम करना भी बेहद जरुरी है। मुख्यमंत्री जी का कहना है, कि विश्व मे प्रत्येक चीज का विकल्प हो उपस्थित है। परंतु फल, सब्जी और अनाज का कोई विकल्प नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी इस साल को मिलेट ईयर के तौर पर घोषित किया गया है। कोशिश करें कि यह पोषक अनाज भूमि से गायब न हो जाए। प्राकृतिक खेती की तरफ रुख करना बेहद आवश्यक है।

कृषि क्षेत्र के विकास हेतु यह तीन एस बेहद महत्वपूर्ण हैं

आपको बतादें कि 14 फरवरी की बैठक में कृषि पर विमर्श के सत्र में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उनके उद्घाटन भाषण के दौरान खेती किसानी में विकास हेतु 3एस टेम्पलेट – स्मार्ट, सर्व आल और सस्टेनेबल के विषय में चर्चा की। उन्होंने भारत की कृषि विकास चर्चा में ड्रोन की अहमियत पर भी ध्यान दिया।

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इश्यू नोट प्रस्तुति के चलते केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। खाद्य सुरक्षा एवं पोषण, जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण सहित अड़िग कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला एवं खाद्य प्रणाली और कृषि परिवर्तन हेतु डिजिटलीकरण के चार मुख्य विषयों को शम्मिलित करते हुए एडब्ल्यूजी हेतु इश्यू नोट पर प्रस्तुतियां व्यक्त की गईं। आमंत्रित देशों, सदस्य देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इश्यू नोट पर स्वयं की भावना व्यक्त की। जी- 20 सदस्य देशों एवं अतिथि देशों द्वारा भी जी- 20 कृषि एजेंडे पर विशेष गौर करते हुए द्विपक्षीय बैठकें कीं।